पटवारी की शिकायत लेकर महिला पहुंची कलेक्ट्रेट,खसरा में नाम दर्ज करने के लिए पटवारी ने मांगी रिश्वत
अनोखी आवाज, सिंगरौली।
मध्यप्रदेश में सरकार बदली लेकिन अव्यवस्थाओं और अधिकारियों-कर्मचारियों का तौर तरीका नहीं बदले। चौंकाने वाली बात तो यह है कि एक ओर जहां प्रदेश सरकार जनता को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए आवेदन के उपरांत कुछ दिनों में उसके घर तक दस्तावेज पहुंचाने की कवायद करने जा रही है। वहीं दूसरी ओर सिंगरौली में सभी दस्तावेज होने के बाद भी खसरे में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए जनता से रिश्वत की खुलेआम मांग हो रही है। ऐसे ही रिश्वत की मांग करने का मामला जिला कलेक्टर के पास जन सुनवाई में जा पहुंचा। जहां फरियादीया की शिकायत पर कलेक्टर ने जांच कर कार्यवाही का आश्वाशन दिया है।
मामले पर एक नजर
मामला बलियरी का है जहां फरियादी राजकुमारी शाह ने जनसुनवाई में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि भूमि आराजी खसरा क्रमांक 330/2 रकवा 0.026 हेक्टेयर का क्रय किया गया है जहां नामांतरण के लिए आवेदन प्रकरण हेक्टेयर 1136/अ-6/.19-20के तहत नामांतरण करने का आदेश तहसीलदार द्वारा किया गया।
लेकिन सुर्खियों में बने रहने वाले हल्का पटवारी प्रभाकर सिंह की हठधर्मिता और मनमानीओं के कारण उक्त नामांतरण आज तक नहीं हो सका है। कलेक्टर को लिखे पत्र में आरोप है कि पटवारी द्वारा खसरा में नाम दर्ज करने के एवज में 5 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही है। ऐसे में परेशान फरियादी राजकुमारी शाह ने कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी पीड़ा सुनाकर अपना नाम दर्ज कराकर कार्यवाही की मांग की है।
सुर्खियों में रहते हैं पटवारी साहब
अपने कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियों में आए दिन बने रहने वाले हल्का बलियरी पटवारी प्रभाकर सिंह का यह कोई पहला मामला नहीं है ।इससे पहले भी कई मामले संज्ञान में आ चुके हैं लेकिन सूत्रों की मानें तो राजनीतिक पकड़ के कारण अब तक इनके ऊपर किसी भी तरह का अंकुश लगाने में जिम्मेदार नाकाम रहे हैं । अब देखना यह होगा कि उक्त मामले को लेकर जिला कलेक्टर कितने गंभीर नजर आते हैं...? हालांकि जब उक्त मामले पटवारी प्रभाकर सिंह से फोन पर बात हुई तो उनका साफ कहना है कि मैं ऐसी किसी महिला को नहीं जानता ना ही कभी मेरे पास आई है।