भोपाल। कमलनाथ सरकार को बने सवा साल हो गया है, लेकिन कांग्रेस समेत सरकार को समर्थन दे रहे बसपा-सपा व निर्दलीय विधायकों से लेकर दूसरे नेता व कार्यकर्ता सरकार में सुनवाई न होने को लेकर परेशान हैं। निर्वाचित जनप्रतिनिधि हों या पार्टी नेता-कार्यकर्ता, आए दिन सरकार को घेरकर उसे दुविधा में डालते रहते हैं। सरकार को अपनों की नाराजगी की स्थिति से बाहर निकालने अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कमान संभालने वाले हैं। वे मंगलवार को दो दिन के लिए भोपाल आ रहे हैं, जिसमें मंत्रियों से आमने-सामने चर्चा करेंगे। उनसे विधायकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने को लेकर बातचीत की जाएगी। इसके बाद दोनों पक्षों की परेशानियों का निराकरण करते हुए व्यवस्था बनाई जाएगी।
कांग्रेस सरकार में सवा साल के कार्यकाल में उसके अपने ही किसी न किसी रूप में मुसीबत बनकर खड़े हो रहे हैं। इनमें वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, वरिष्ठ विधायक एदल सिंह कंषाना, आदिवासी संगठन जयस से आए विधायक डॉ. हीरालाल अलावा, बसपा विधायक राम बाई परिहार, सपा विधायक राजेश शुक्ला, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के नाम प्रमुख हैं। कुछ विधायक बिसाहूलाल सिंह, केपी सिंह भी अपनी वरिष्ठता को नजर अंदाज किए जाने पर नाराज हैं, जो किसी न किसी रूप में झलकती रहती है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि ज्यादातर मंत्रियों की परेशानी यह है कि उनके पास आने वाले पार्टी नेताकार्यकर्ता क्षेत्र में पसंदीदा अफसर की अनुशंसा कराने आते हैं और नहीं होने पर ही वे यहां-वहां शिकायतें करते है।
 
 
 
