सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन पर बातचीत के लिए नियुक्त किए गए वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच चौथे दिन भी सहमति नहीं बन पायी। शनिवार को साधना रामचंद्रन फिर से शाहीन बाग पहुंची। जहां प्रदर्शनकारियों ने कई मांगें उनके सामने रखीं, लेकिन बातचीत आखिर में बेनतीजा रही।
शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थता पैनल में शामिल साधना रामचंद्रन ने कहा है कि हम यहां शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए नहीं आए हैं, हम सिर्फ यहां रास्ता खुलवाने के लिए आए हैं।एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन पर कहा है कि वहां लोग संविधान बचाने के लिए निकले हैं। ओवैसी ने शाहीन बाग को ऑर्गेनिक प्रोटेस्ट यानि कि अपनी तरह का खास धरना प्रदर्शन करार दिया है। ओवैसी ने एनपीआर को भी मुस्लिम विरोधी साथ ही गरीब विरोधी बताया है।
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में जारी धरने प्रदर्शन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग के लोग संसद और कानून के खिलाफ धरना दे रहे हैं। शाहीन बाग में विपक्षी नेताओं के जाने की भी उन्होंने आलोचना की।वहीं शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त वार्ताकारों से शुक्रवार को कहा कि प्रदर्शनस्थल के समानांतर सड़क अगर खोली जाती है तो न्यायालय को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश पारित करना चाहिए। वार्ताकार वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने शुक्रवार शाम को तीसरे दिन शाहीन बाग में अपनी चर्चा शुरू की।
वार्ताकार वकील संजय हेगड़े शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना आपका अधिकार है लेकिन आपके अधिकार के चलते किसी और के अधिकार का हनन नहीं होना चाहिए , इसलिए लोगों को दिक्कत ना हो यह सड़क खोल देनी चाहिए और प्रदर्शन किसी और जगह पर होना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया कि प्रदर्शनकारियों ने समानांतर सड़क अवरुद्ध नहीं की है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा देने के लिये अवरोधक लगाए हैं। एक महिला प्रदर्शनकारी ने वार्ताकारों को बताया, ‘‘इलाके की कई दूसरी सड़कें जब खुली हुई हैं तो वे हमें इस सड़क से हटाने पर क्यों जोर दे रहे हैं। दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली यह एकमात्र सड़क नहीं है।’’