मंदसौर। एनआरसी एवं सीएए के विरोध में नीलमशाह दरगाह के पास धरना जारी है। 26वें दिन धरनास्थल पर वरिष्ठ कामरेड, भारतीय महिला फेडरेशन की प्रदेश सचिव, प्रगतिशील लेखक संघ एवं भारतीय जननाट्य संघ की वरिष्ठ पदाधिकारी सारिका श्रीवास्तव एवं प्रगतिशील लेखक संघ के वरिष्ठ सदस्य हरनाम सिंह टीम के साथ आए। उन्होंने एनआरसी एवं सीएए का विरोध किया।
सारिका श्रीवास्तव ने कहा कि लोकतंत्र काे बचाने की यह लड़ाई किसी एक धर्म या किसी एक व्यक्ति की नहीं है। हम हिंदुस्तानी को देशभक्ति का सबूत देने की जरूरत नहीं है। जिसने इस देश की माटी में जन्म लिया और इस देश में रह रहे है वे सभी हिंदुस्तानी हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर और इस देश को खंडित करने के लिए पहले भी कई बार प्रयास किए गए हैं। तब भी इस तरह से बाहर निकलकर उसका विरोध करना चाहिए था। अभी भी वक्त है
देश विरोधी और गंगा-जमुनी एकता को खंडित करने वाले प्रयासों को हम सबको मिलकर सफल नहीं होने देना चाहिए। कहा कि संविधान की मूल सिद्धांतों के विरुद्ध यह जो कानून बनाया है उसका हम विरोध करते हैं। हरनाम सिंह ने कहा कि जो लोग देश के भाई-चारे को तोड़ना चाहते हैं उनका विरोध करना वाजिब है। नए-नए कानूनों के सहारे सरकारों को इस भाईचारे की सभ्यता को नहीं बिगाड़ना चाहिए। धरने पर काजी-ए-शहर मंदसौर आसिफ उल्लाह भी मौजूद थे।वहीं, दलौदा की जामा मस्जिद के बाहर सीएए-एनआरसी के खिलाफ चल रहे धरने के 10वें दिन भीमसेना, बहुजन समाज, मोगिया समाज और भील सुथार समिति के प्रतिनिधियों ने समर्थन दिया। भीमसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योतिप्रसाद बिड़वानी, संभाग प्रभारी तेजपाल सोलंकी, जिला भीम सेना संस्थापक अध्यक्ष डॉ. कैलाश गर्ग सहित अन्य मौजूद थे।