उज्जैन। तीन ज्योतिर्लिंगों, विश्वनाथ, महाकाल और ओंकारेश्वर को जोड़ने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में एक सीट भगवान भोलनाथ के लिए रिजर्व रहेगी। ऐसा पहली बार हुआ जब रेलवे की कोई सीट किसी देवता के लिए बुक की गई हो। काशी महाकाल एक्सप्रेस के बी-5 कोच की 64 नंबर सीट पर एक छोटा सा मंदिर बनाया गया है। ट्रेन में भक्त सफर के दौरान भी इस मंदिर के दर्शन कर भोलेनाथ का आशीर्वाद ले सकेंगे। इस बारे में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी-इंदौर ट्रेन में इस सीट पर भगवान शिव का छोटा मंदिर बनाया गया है।वाराणसी से रविवार को देश की तीसरी निजी ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
ट्रेन सोमवार सुबह करीब 6.30 बजे उज्जैन पहुंची, जहां ढोल-ढमाकों के साथ इसका स्वागत हुआ। इसके बाद ट्रेन इंदौर स्टेशन पहुंची यहां भी इसका स्वागत हुआ। शुक्रवार को महाशिवरात्रि से ट्रेन को नियमित रूप से चलाया जाएगा। उस दौरान ट्रेन का स्वागत किया जाएगा। ट्रेन के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक निर्धारित किया गया है।ट्रायल ट्रेन होने के कारण फिलहाल कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं रखा गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन का नियमित संचालन शुक्रवार से महाशिवरात्रि के दिन इंदौर से किया जाएगा। पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लेस ट्रेन 21 फरवरी से सप्ताह में तीन दिन इंदौर से चलाई जाएगी। काशी-महाकाल एक्सप्रेस में कम ही यात्री रहे। एक दल ट्रेन में भजन करते हुए इंदौर पहुंचा। यात्रियों को ट्रेन बहुत पसंद आई। उनका कहना था कि ट्रेन के पहली बार चलने की वजह से बहुत कम ही लोग इसमें सवार थे।
समय सारिणी
ट्रेन 82401 मंगलवार व गुरुवार को दोपहर 2:45 बजे वाराणसी से चलकर शाम 7:05 बजे लखनऊ पहुंचेगी। यहां से कानपुर, बीना, भोपाल, उज्जैन होते हुए अगले दिन सुबह 9:40 बजे इंदौर पहुंचेगी।
ट्रेन 82402 इंदौर से बुधवार व शुक्रवार सुबह 10:55 बजे चलकर रात 11:40 बजे कानपुर, 1:20 बजे लखनऊ होते हुए सुबह छह बजे वाराणसी पहुंचेगी।
ट्रेन 82403 हर रविवार दोपहर 3:15 बजे वाराणसी से चलकर इलाहाबाद होते हुए अगली सुबह 9:40 बजे इंदौर पहुंचेगी, जबकि 82404 एक्सप्रेस हर सोमवार सुबह 10:55 बजे इंदौर से चलकर रात 11:40 बजे कानपुर, 2:35 बजे इलाहाबाद होते हुए सुबह पांच बजे वाराणसी पहुंचेगी।