भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के बहुप्रतीक्षित विस्तार की उल्टी गिनती लगभग शुरू हो गई है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी सप्ताह टीम में नए चेहरों को शपथ दिलाई जा सकती है। राजभवन परिसर में कोरोना मरीजों के पाए जाने के बाद यह विचार भी चल रहा है कि मंत्रियों को शपथ राजभवन परिसर के बाहर दिलवाई जाए। भोपाल के मिंटो हाल में शपथ समारोह आयोजित करने के बारे में भी चर्चा चल रही है। संभावना है कि शिवराज सरकार में कई वर्षों तक मंत्री रहे नेताओं को इस बार मौका नहीं मिले। जिन वरिष्ठ विधायकों को अब तक मंत्री बनने का अवसर नहीं मिला है, उन्हें शामिल करने पर मंथन चल रहा है।
कैबिनेट विस्तार कब होगा, इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने भी बुधवार को मीडिया से कहा कि बहुत जल्दी होगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि 30 मई को मोदी सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण हो रहा है, इसलिए 29 मई को ही शपथ कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। पूर्व मंत्रियों की राह आसान नहीं भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि भाजपा की सरकार में 2003 से 2018 तक जो मंत्री रहे हैं, उनमें से अधिकांश लोगों को मंत्री बनने का अवसर नहीं मिलेगा। रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ल, भूपेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, पारस जैन, सुरेंद्र पटवा और विजय शाह के नाम पर भाजपा हाईकमान ने अब तक हरी झंडी नहीं दी है। इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आने वाले पूर्व विधायकों में से इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, एदल सिंह कंषाना, राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, रणवीर जाटव को भी मंत्री बनाए जाने पर चर्चा जारी है। वहीं सरकार में उपेक्षा के शिकार रहे कुछ नेताओं को भी स्थान मिल सकता है। इस संबंध में भाजपा के प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि संगठन में चर्चा हो रही है। बस मुहूर्त का इंतजार है।