कोरोना जैसे आपदा में भी सरपंच सचिव धांधली से नही आ रहे बाज
कई गांवों में कागजों में वितरित हुआ कोरोना राहत सामग्री
अनोखी आवाज सिंगरौली। देश कोरोना जैसे आपदा से गुजर रहा है,गरीब श्रमिको को भोजन के लाले पड़ने लगे है। हालांकि केंद्र की मोदी सरकार व राज्य की शिवराज सरकार लगातार इस वैश्विक महामारी से निपटने की रणनीति तैयार कर रहे है साथ ही गरीब तबके के लोगो के लिए जरूरत की सामग्री खरीदने के लिए सीधे खाते में राशि उपलब्ध करवा रहे है साथ नही बीते हफ्ते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करके उन्हें इस आपदा में साथ रहने की अपील की थी इतना ही नही बल्कि ग्रामीणों को कोरोना आपदा से लड़ने वाले सुरक्षात्मक राहत सामग्री किट वितरित करने को कहा था लेकिन सरपंचों के कान में जू नही चला जिससे सिंगरौली जिले में आज भी एक दो गांव को छोड़कर ऐसे सैकड़ो हैं जहाँ अभी तक नोज मास्क,हैंड ग्लब्स,हैंड सैनीटाइजर सहित अन्य सामग्री वितरित नही हो सकी है। जिससे एक मुहावरा इनके ऊपर सटीक बैठ रहा है " भैंस के आगे बीन बजाए ...खड़ी भैंस पगुराय "
ग्रामीणों को नही मिला मास्क, और सैनिटाइजर
इस वैश्विक आपदा में हर कोई सहयोग की भावना से अपनी क्षमता अनुसार लोगो को राहत पहुचा रहा है ऐसे में ग्रामीण इलाकों में सरपंचों की अहम भूमिका है लेकिन अपने भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा में सुर्खियों में बने रहने वाले सरपंच-सचिव इस महामारी में भी अपनी जेब गर्म और घर भरने में लगे हुए हैं। ऐसे में साफ जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील और आदेश दिन के लिए कोई मायने नहीं रखता जिससे आज तक कई ग्रामीण इलाकों में लोगों को मास्क, सैनिटाइजर ,हैंड ग्लव्स सहित अन्य सामग्री नहीं वितरित हो सकी है।
इस आपदा में भी सरपंच को अपनी जेब गर्म करने की चिंता
जिले में एक दो गांवों को छोड़कर बांकी तकरीबन सभी गांवों में केवल कागजों में कोरोना राहत सामग्री व किट वितरित किये गए है। कुछ सरपंच तो ऐसे है जो शोशल मीडिया पर लगातार राहत सामग्री वितरित करने का फोटो डाल रहे है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया कर रही है। ऐसी पंचायतों में देवरी,गडहरा, नौगई, जरहा, तेलदह, कटौली,भड़कुड़, सहित विभिन्न तहसीलों के ऐसे सैकड़ो गांव जहाँ आज भी लोगो को किसी तरह का सहयोग सरपंचो द्वारा नही किया गया है।