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singrauli news- प्रभारी ड्यूटी में एक्टिव,जवान फरमा रहें आराम

प्रभारी के नजरो से ओझल होते ही आराम करने लगते है जवान,लॉक डाउन में व्यवस्था चरमराई


 



 


चौराहों से पुलिस कर्मी रहते है नदारद,ये छूट कहीं भारी न पड़ जाए...?


अनोखी आवाज सिंगरौली। चौकी प्रभारी सड़कों पर तैनात अन्य पुलिसकर्मी कुर्सी पर आराम फरमा रहे हैं। यह पंक्ति पढ़ने में अलग महसूस होगा आप विचार करेंगे, सोचेंगे...लेकिन अर्थ जानकर  आश्चर्यचकित हो जाएंगे.... जी हां लॉक-डाउन के साथ संकट के घड़ी में पुलिस की मुख्य भूमिका है। साथ-साथ पुलिस के कार्य भी बड़ा है लेकिन जो दिख रहा दिखाना जरुरी है। हम बात कर रहे हैं। जयन्त चौकी प्रभारी की जो अपनी ड्यूटी व कार्य करने के तरीके से जिले में अलग ही पहचाने जाते है। यहा तक की गंभीर स्थिति से निपटने व मोर्चा शांत कराने के लिए बुलाया जाता है। लेकिन उनके चौकी के स्टाफ छवि धूमिल करने में लगे हैं। क्षेत्र में बाजार व्यवस्था, गस्त, चेकिंग लेकर हजारों कार्य के लिए प्रभारी स्वयं सक्षम है। लेकिन उनके नजरों से ओझल होते हैं अन्य पुलिसकर्मी अपने ढुलमुल रवैये में आ जाते है।


 



 


बाजार सुरक्षा व्यवस्था चौपट,जयन्त में सोशल डिस्टेंसिंग बना मजाक


जयन्त चौकी क्षेत्र अंतर्गत लगाने वालों बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था व सोशल डिस्टेंसिंग का खुला मजाक बनाया जा रहा है। ये हम नही बल्कि बाजार की दुर्दशा देंखते ही समझ आने लगता है। हालांकि प्रभारी सड़कों पर 24 घण्टे तैनात रहते हैं। प्रभारी के मौजूदगी में पुलिस व्यवस्था देखने लायक रहती है। लेकिन प्रभारी के जाते ही व्यवस्था पर ग्रहण लग जाता है। क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था अन्य पुलिस कर्मी को सौप दी जाती है। न कोई रोक-टोक करने के लिए ना दो पहिये वाहनो को समझाइस देने के लिए आखिर एक प्रभारी क्या-क्या करें...? बीते दिनों से छूट मिलने से बाजारों में भीड़ तो है। लेकिन पुलिस भी इस भीड़ का हिस्सा बनकर सोशल डिस्टेंसिंग का खुला मजाक बना रही है।


पुलिसकर्मियो की कार्यप्रणाली बटोर रही सुर्खिया, कब होगा बदलाव..?


 



 


एक पुरानी कहावत जयंत पुलिस की कार्य-प्रणाली पर सटीक बैठ रही है ,अँधेरी नगरी चौपट राजा..शाम होते ही सूर्य अस्त के साथ-साथ जयन्त पुलिस भी अस्त हो जाती है। बाजारों में बेवजह लोगों की भीड़, लॉक-डाउन में दुकान खुलना जयन्त पुलिस के भ्रमण का पोल खोल रहा है। ड्यूटी न कर चौराहो,दुकानों में बैठ कर गप्पबाजी होती है। जिसका नतीजा शाम होतें ही जयन्त के सड़को में लगने वाली भीड़ बयां करती है। जानकारी के अनुसार जयन्त चौकी में 35 से 40 की संख्या में स्टाफ है। इसके बाद भी जयन्त में सोशल डिस्टेंसिंग का माजक तो बना ही है। साथ-साथ आवारातत्वो पर भी पुलिस अंकुश लगाने में नकाम साबित हो रही है।