अनोखी आवाज (सिंगरौली) । कोविड 19 वैश्विक महामारी के बचाव में चल रहे लॉक डाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन बन्द होने से आवश्यक खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो पाने का दुष्परिणाम मंहगाई और कालाबाजारी से आम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैं। व्यापारियों द्वारा निर्धारित मूल्य से डेढ़ से दो गुना दर पर सामान बेचा जा रहा है। जिस पर स्थानीय प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के देवसर, चितरंगी, सरई ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं हो पा रही हैं। जिससे व्यापारियों द्वारा निर्धारित मूल्य से ज्यादा दाम पर सामग्री बेची जा रही हैं। लोगों द्वारा बताया गया कि शक्कर का दाम 40 रुपये प्रति किलोग्राम है, लेकिन दुकानों में 55 रुपये किलो मिल रही है। नमक 6 रुपये से 14 रुपये किलो बेचा जा रहा है। अभी तक सुपारी 350 से 400 रुपये प्रतिकिलो बेची जा रही थी, लेकिन अब 600 रुपये किलो मिल रही हैं। प्रशासन ने आलू के दाम 18 से 20 रुपये किलो तय किये थे, लेकिन आलू भी 25 से 30 रुपये किलो मिल रही हैं। इसी तरह से कई सामान मूल्य से ज्यादा महँगे मिल रहे हैं।
जिला प्रशासन मनमानी दर पर सामान बेचने वालों पर सख्ती नही बरत पा रहा है। बताया जाता है कि सरकार और जिला प्रशासन द्वारा तम्बाकू की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, इसके बाद भी जिला मुख्यालय वैढन में 800 रुपये किलो बेची जा रही है। आटा भी पहले से महंगा हो गया है। प्रतिबंधित गुटखा पाऊच भी तीन से चार गुने दाम पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। बताया जाता है कि 20 वाला राजश्री गुटखा 60 से 80 रुपये में बिक्री हो रहा है। लेकिन कुछ व्यापारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। माँग के अनुरूप आवश्यक समानो की आपूर्ति नही हो पाने का नतीजा लोगों को मजबूरी में महँगे दर पर सामान खरीदना पड़ रहा है।
इधर व्यापारी वर्ग का कहना है कि सीधी से सामान लाना टेढ़ी खीर हो गई है। ट्रांसपोर्ट का कोई साधन नहीं है। अलग से गाड़ी करने पर भाड़ा काफी देना पड़ता है। जिससे महँगे सामान बेचने पड़ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से आवश्यक खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी और मनमानी दर पर बेचने वालों पर सख्ती बरतने एवं कार्रवाई की मांग की है। इस सम्बंध में चितरंगी एसडीएम ने चर्चा के दौरान कहा है कि निर्धारित दर से ज्यादा मूल्य पर सामग्री बेचने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जायेगा।