इंदौर। शैक्षणिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए समिति ने राजभवन को रिपोर्ट सौंपी है। नए सत्र को लेकर एकेडमी कैलेंडर भी दिया है। इसमें 20 अगस्त से कॉलेज और विश्वविद्यालय में कक्षाएं शुरू करने का सुझाव है। वहीं यूजीसी से जारी गाइडलाइन के हिसाब से 1 सितंबर से सत्र रखा है। कैलेंडर के मुताबिक, सेमेस्टर परीक्षाएं 25 दिसंबर से करवाने पर जोर दिया है। सत्र का पहला सेमेस्टर इस बार 120 दिन का होगा।
पांच कुलपतियों की समिति ने राज्यपाल लालजी टंडन को रिपोर्ट दी है। सदस्यों ने कैलेंडर भी बनाकर दिया है। समिति के अनुसार 20 अगस्त से कक्षाएं लगेंगी। पहला इंटरनल असाइनमेंट 15-23 सितंबर और दूसरा प्रोजेक्ट 20-29 अक्टूबर के बीच संस्थानों को देना है। जबकि प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए 25 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच का समय रखा है। वहीं सेमेस्टर परीक्षाएं 25 दिसंबर से 15 जनवरी तक करवानी हैं। नियमानुसार सेमेस्टर 180 दिन का रहता है, लेकिन कोरोना वायरस व लॉकडाउन के चलते बिगड़ी व्यवस्था को ठीक करने के लिए इसकी अवधि कम की है। वैसे भी 90 दिन पूरे होने के बाद सेमेस्टर परीक्षाएं हो सकती हैं। समिति ने रिजल्ट में जल्दबाजी नहीं दिखाई है।
उन्होंने 15 फरवरी की समयावधि रखी है। समिति ने व्यवस्था को सुधारने के लिए इस सत्र में सेमेस्टर ब्रेक की छुट्टियां कम कर दी हैं। यही वजह है कि 15 जनवरी तक परीक्षा होने के तुरंत बाद विद्यार्थियों की अगले सेमेस्टर की कक्षाएं लगेंगी। परीक्षा के बाद कॉपियों के मूल्यांकन को लेकर भी समयसीमा तय की है। समिति ने कॉपियां जांचने और रिजल्ट जारी करने के लिए कम से कम 30 दिन रखे हैं। मगर विद्यार्थियों की संख्या संबंधित पाठ्यक्रम में एक लाख से ऊपर रहती है तो 15 दिन अतिरिक्त दिए हैं। यानी 45 दिन के भीतर हर हाल में परीक्षा परिणाम देने होंगे।