98 प्रतिशत अभिभावक नहीं चाहते कि जून-जुलाई में खुले स्कूल
इंदौर। इंदौर पालक संघ ने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर एक सर्वे शुरू किया है। इसमें पालकों से पांच सवाल पूछे जा रहे हैं और जून-जुलाई में बच्चों को स्कूल भेजने के संबंध में उनकी राय पूछी जा रही है। मंगलवार तक जितने अभिभावकों ने सर्वे में हिस्सा लिया, उनमें से 98 प्रतिशत लोगों की राय है कि जून-जुलाई में स्कूल नहीं खुलने चाहिए। इसकी जानकारी देते हुए इंदौर पालक संघ के अध्यक्ष अनुरोध जैन ने बताया कि मंगलवार तक शुरुआती ढाई घंटे में ही 1000 से ज्यादा लोग इसमें हिस्सा ले चुके हैं। हमने तो 300-400 लोगों के हिसाब से सर्वे की शुरुआत की थी, लेकिन अभिभावकों ने बहुत अच्छा प्रतिसाद दिया।
एक-दो दिन सर्वे और जारी रखा जाएगा। फिर राज्य सरकार, जिला प्रशासन और मीडिया के माध्यम से सर्वे के आंकड़ों की जानकारी दी जाएगी। अध्यक्ष ने बताया कि 67 प्रतिशत अभिभावक यह मानते हैं कि यदि स्कूल में बच्चे की तबीयत खराब होती है तो उसकी जवाबदारी स्कूल प्रबंधन की होगी। इसमें सरकार या अभिभावकों को जिम्मेदार मानने वाले कम हैं।
पालक संघ के ये पांच सवाल
1. क्या कोरोना के चलते जून-जुलाई से बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए?
2. यदि स्कूल में बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्या उत्पन्ना होती है तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
3. क्या कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को स्कूल नहीं आने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए?
4. क्या बड़ी कक्षा के बच्चों (कक्षा 6ठीं से 12वीं) के बच्चों को भी ऑनलाइन-ऑफलाइन के मिश्रण से पड़ने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए?
5. इस मुद्दे पर आप राज्य सरकार के कार्य कितने संतुष्ट हैं?
लॉकडाउन खुलने के बाद ज्यादातर पालक चाहते हैं कि स्कूल तो जुलाई-अगस्त तक ही खुलें, लेकिन जब भी शुरू हों उसमें कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम भी किए जाएं। नईदुनिया ने इसे लेकर कई पालकों से चर्चा कर पूछा कि नए सत्र में जब भी स्कूल खुलें तो उनका स्वरूप कैसा होना चाहिए? इस पर पालकों ने सुझाव दिए।
 
 
 
