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इंदौर शहर ऐसे लड़ रहा कोरोना से जंग

 



 


इंदौर आबादी करीब 30 लाख, कोविड-19 के पॉजिटिव केस 3922 (10 जून तक) और कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 163 मौतें  हर लिहाज से इंदौर जिले के यह आंकड़े संभाग ही नहीं पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। लेकिन अफसोस कि यहां आधे डॉक्टरों के भरोसे ही कोविड की जंग लड़ी जा रही है। यही नहीं स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय के मैदानी अमले की हालत तो और खराब है। कोरोना को देखते हुए यहां स्टाफ नर्स सिर्फ 15 फीसदी तो वार्ड ब्वॉय केवल पांच फीसदी ही हैं।


डब्ल्यूएचओ और आइसीएमआर के अनुमान को आधार मानें तो अगले एक महीने में कोरोना संक्रमण की एक और लहर आने वाली है। ऐसे में कोविड संक्रमण के मामले में देश के बड़े हॉट स्पॉट शहरों में शामिल इंदौर को चिंतित होने की जरूरत है।


 



 


इंदौर के साथ ही संभाग के खंडवा, बुरहानपुर और खरगोन में भी कोरोना संक्रमण की स्थिति चिंताजनक है। इसके साथ ही चिंता की बात यह है कि इन जिलों में भी जरूरी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों का संकट है। कोरोना से निपटने के लिए सरकार के निर्देश पर हर जिला प्रशासन ने एक कार्ययोजना तैयार की है। इसमें डॉक्टरों, आयुष डॉक्टर, स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वॉय की भर्ती की तैयारी की गई है। कुछ जिलों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया तो शुरू हो गई है, लेकिन यह कब तक पूरी हो पाएगी और उस समय तक कोरोना कहां से कहां पहुंचेगा, कहना मुश्किल है।