भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जल्द सुलझता नहीं दिख रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से यह साफ है कि चीन लगातार गलवान घाटी में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। हालांकि, इस बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव कम करने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता शुरू हो गई है। दूसरी तरफ भारत अब चीन के साथ सीमा के साथ-साथ आर्थिक फ्रंट पर भी मोर्चा लेने की तैयारी में है। सरकार की तरफ से ऐसे इशारे मिलने शुरू हो गए हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने एक मीडिया ग्रुप को दिए इंटरव्यू में कहा है कि चीन के सस्ते और दोयम दर्जे के उत्पादों के आयात पर अब रोक लगेगी। भारत सरकार जल्द ही अपने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) को मजबूत करेगी और नए नियमों का ऐलान होगा। इससे चीन से आने वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगेगा।
पासवान ने कहा कि लोगों को खुद भी चीनी सामान का बायकॉट करना चाहिए। अगर सीमा पर हमारे सैनिकों की पड़ोसी के आक्रामक रवैये की वजह से जान गई है, तो हम इतना तो कर ही सकते हैं। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही चीन के साथ तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने BSNL और MTNL में किसी भी चीनी उपकरण के प्रयोग पर तत्काल रोक लगा दी। मीडिया सूत्रों के मुताबिक पुराने टेंडर रद्द किए जाएंगे और नए सरकारी टेंडर निकाले जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि चीन हिस्सा ना ले सके। दूरसंचार विभाग (DOT) ने सभी प्राइवेट कंपनियों को भी चीनी उपकरणों का उपयोग रोकने के निर्देश जारी किए हैं।
चीन ने लद्दाख की गलवान घाटी पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उसने कहा था कि गलवान इलाके की स्वायत्ता हमेशा से उसकी रही है। अब भारत ने चीनी विदेश मंत्रालय के उस बयान पर पलटवार किया है। MEA ने कहा है कि दोनों देशों के बीच 6 जून को हुई कमांडर स्तर की वार्ता में सीमा पर जिम्मेदारी के साथ स्थितियां संभालने पर समझौता हुआ था। लेकिन इस तरह के बढ़ा-चढ़ाकर किए गए अस्थिर दावे उस समझौते से बिल्कुल ही उलट हैं।