जिले की बदहाल व्यवस्था का जिम्मेदार कौन...?
अनोखी आवाज सिंगरौली। जिला मुख्यालय के कुछ व्यस्ततम मार्गो मे जाम के झाम से न जाने कब निजात मिलेगा..? हालांकि यह कोई राष्ट्रीय स्तर की समस्या नहीं है लेकिन जब साहब कुर्सी छोड़कर शहर के हालात को समझेंगे तब। जब साहब ही कुर्सी नहीं छोड़ेंगे तो अधिनस्थ पुलिसकर्मी कितनी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करेंगे इसका अंदाजा आप बखूबी लगा सकते हैं..? इस बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था का शिकार कहीं कोई मरीज ना हो जाए क्योंकि काली मंदिर रोड में प्रतिदिन घण्टो जाम लगा रहता है,ऐसे में कही ऐसा न हो कि गंभीर मरीज जाम में फंसकर हॉस्पिटल पहुचने से पहले ही दम तोड़ दे।
काली मंदिर में आये दिन घण्टो लगता है जाम
मुख्यालय का यह व्यस्ततम मार्ग जो अतिक्रमण की चपेट में है वही दूसरी ओर इस कोरोना जैसे महामारी में बीच कुछ अफवाहें इस कदर फैली की लोग लगातार घरों से निकलकर सामान खरीदने आ रहे है,उन्हें लगता है कि पुनः पहले जैसे लॉक डाउन लग जाएगा और घर से निकलना प्रतिबंधित हो जाएगा,अब उन्हें कौन समझाए की अभी ऐसा कोई आदेश नही आया है। काली मंदिर रोड में आज दोपहर घण्टो जाम लगा रहा,इस जाम में छोटे वाहनों से लेकर भारी वाहन भी फंसे दिखे और वाहन चालक फिजूल का हॉर्न बजाकर आत्म संतुष्टि प्राप्त कर रहे थे। चौंकाने वाली बात तो यह है कि घंटो जाम के बाद भी कोई वर्दीधारी दूर-दूर तक नजर नहीं आया जिससे लोग आपस मे ही गर्मा गर्म बहस करते नजर आए।
थोड़ा शहर भी घूम लिया कीजिये साहब
जिले की बदहाल यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नए थाना प्रभारी को कमान सौंपी गई । लेकिन व्यवस्थाएं जस की तस रही लग रहा था कि नए प्रभारी को कमान सौंपते ही व्यवस्थाएं भी धीरे धीरे दुरुस्त होने लगेगी लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत.? सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नए प्रभारी तो थाने के बाहर निकलते ही नहीं जिससे उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मी भी कहीं नजर नहीं आते...कुल मिलाकर हाल वही है .. जब सईया भले कोतवाल...भर काहे का...हालांकि एसपी साहब से लोगो की उम्मीदे है,अब देखना यह होगा कि एसपी साहब इस बदहाल ट्रैफिक के प्रति क्या रुख अपनाते है..?