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singrauli news आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से गरीब तबके के लोगो की टूटी कमर

 प्राकृतिक आपदा से गरीबो के उड़े आशियाने,किसानों में हतासा


जनप्रतिनिधि दे रहे दिलासा,जिला प्रशासन पर टिकी निगाहे


 



 


अनोखी आवाज़ सिंगरौली। एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस से गुजर रहा है। सभी इससे निकले के प्रयास में लगे हैं लेकिन ऐसा हो नही रहा है। प्रतिदिन कोरोना तेजी से अपना पैर पसार रहा है। वही दूसरी तरफ ये तूफान,आंधी लोगों का जीना दुश्वर हो गया है। किसानों की खेती पर भारी नुकसान हो रहा है। साथ-साथ ग्रामीणों में लोगों के मकानों का छाया भी उजड़ते जा रहा है। इस मौसम से त्रस्त लोग अब जाये तो जाये कहा, घर उजड़ गया आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण दोबारा खड़े नही हो पा रहे है। हालांकि सरकार को आंधी तूफान के चपेट में आने वाले घरों का किसानों की खेती का मुआवजा देना चाहिए जिससे भार कम हो जाये,और किसान की दिनचार्य पुनः पटरी पर आ सके।


जनप्रतिनिधि नही ले रहे सुध, पत्र लिखने का दे रहे हवाला


जनता मतदान देकर क्षेत्र में जनप्रतिनिधि चुनती है। जिससे उन्हें संकट की घड़ी में उनका साथ मिल सके लेकिन सिंगरौली जिले के नेता-जनप्रतिनिधि जनता की मदद नही बल्कि  लक्जरी गाड़िया का शोक पूरा कर रहे है। खुटार निवासी गोरेलाल शाह ने देवसर विधायक सुभाष वर्मा से दूरभाष से आँधी तूफान से घर उजड़ने की दुःख भरी बातें बताई तो विधायक ने झट से कहा कि एसडीएम साहब के पास पत्र लिख दीजिये। ऐसा विधायक की बातों से किसानों में हतासा है,और आक्रोश भी।


ग्रामीणों में मुआवजे की मांग,जिला प्रशासन को करनी होगी पहल


 



 


कोरोना आपदा के बाद सिंगरौली में आंधी तूफान के साथ भारी बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। क्योंकि इस आंधी-तूफान में जिनका घर उजड़ जा रहा है उन पर क्या बीत रही होगी वही जानते होंगे...? सरई, माडा, रजमिलान, खुटार, कटौली,खजूरी, कथूरा के साथ अन्य ग्रामों में इस आंधी तूफान से भारी नुकसान हो गया है। लेकिन जायजा लेने न तो प्रशासनिक अधिकारी गये न तो जनप्रतिनिधि..? ऐसे में ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त होने लगा है। ऐसे हाल में जिला प्रशासन को आगे आकर लोगों का मुआयना कर उन्हें उचित मुआवजा देना चाहिए।