प्रिंट दर 60 बिक्री कर रहें 75,ऐसे दुकान विक्रेताओं पर कब होगी कार्यवाही...?
महँगे दामों पर बिक्री कर रहे विक्रेता,रेट सूचि सिर्फ कागजों तक ही सिमित
अनोखी आवाज़ सिंगरौली- देश इस महामारी से संकट के घड़ी से गुजर रहा है। ये बात तो सभी जान रहे है। सभी इससे उभरने के बारे में चिंता कर रहे है। इन दिनों आने वाले परेशानियों से सभी मदद कर रहे है। जिससे जितना संभव हो रहा है। उतना मदद के लिए हाँथ बड़ा रहा है।...कोई राशन तो कोई मास्क व साबुन ऐसे ही सभी मदद के लिए आगे आ रहे है। लेकिन आज भी कुछ ऐसे दुकान मालिक है। जो इस महामारी में जम कर फायदा उठा रहे है। दुकानदारों के इस घिनोने बिचार को लेकर तरह-तरह चार्चये हो रही है। मामला रोजमर्रा की वस्तुयों से जुड़ा हुआ है। दूसरे जिले से सामानों की आयत न होने से दुकानदार स्टॉक वाले सामान को महंगे दामों पर बेच रहे है। जिसे साफ़ शब्दों में कहा जाये तो कालाबाजारी कहा जाये....? इन दुकानदारों पर प्रशासन को ठोस कार्यवाही कर दुकानदारों को सबक सीखना चाइये..।
महँगे दामो पर बिक रहे रोजमर्रा के समान
कोरोना जैसे बीमारी के बचाव को लेकर लॉक-डाउन का निर्णय हुआ। लॉक-डाउन पार्ट 2 में 3 मई तक पुरे देश में लॉक-डाउन बढ़ाया गया हैं। जिसका फायदा लालची दुकान दारों का होगा जो कालाबजारी की रश्म बड़ी बखूबी से निभा रहे है। उसमें कोई कमी नही आ रही है। जानकरी के अनुसार जिले के जयन्त क्षेत्र में थोक दुकान विक्रता जमकर कलाबाजरी कर रह है। जिसका खमियाजा फुटकर दुकान वालो को भुगतना पढ़ रहा है। प्रिंट रेट से 20 रूपए अधिक लेकर दिया जा रहा है। क्रेता द्वारा सवाल करने पे रौंब दिखाते है।
होगी कार्यवाही...या जारी रहेगी कालाबाजारी
जिले के जयन्त क्षेत्र में दर्जनों दुकानदार ऐसी है। एक ताजा उदाहरण बतातें है। अरविन्द जनरल स्टोर का जो प्रिंट रेट से ज्यादा बिक्री कर रहा है। साथ-साथ ये कालाबाजारी तो कर ही रहे है। लेकिन शोसल डिस्टैंसिंग का खुला मख़ौल भी उड़ा रहे है। इन्हें न तो कानून का भय...न इस महामारी कोरोना का.. इनके दुकानों की तस्वीरें से आप खुद ब खुद अंदाजा लगा सकते है। कि ये कानून को कितना मानते हैं...? इन्हें तो बस प्यारा गांधी जी के गुलाबी नोटें। अब देखना ये हैं कि ऐसे दुकान मालिकों पर कार्यवाही होती भी है। या इनके रवैये जारी रहेंगे।
 
 
 
