इंदौर। प्रशासन की सख्ती का कोई असर कोरोना संक्रमण पर नजर नहीं आ रहा। लॉकडाउन दर लॉकडाउन यह तेजी से अपने पैर पसार रहा है। 21 दिन चले पहले लॉकडाउन में जहां औसतन रोजाना 20 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे थे, वहीं चौथे लॉकडाउन के खत्म होते-होते यह आंकड़ा प्रतिदिन 70 से ऊपर पहुंच गया। बावजूद इसके संक्रमण में कमी का दावा किया जा रहा है। परेशानी की बात यह भी है कि पहले लॉकडाउन में जहां कोरोना से हर तीन दिन में पांच लोगों की मौत हो रही थी, वहीं चौथे लॉकडाउन में यह बढ़कर हर चार दिन में 9 मौत पर पहुंच गया। यानी रोजाना दो से ज्यादा मौत। ये आंकड़े कोरोना नियंत्रित करने के प्रशासन के दावे पर सवालिया निशान लगा रहे हैं।
पहला चरण (21 दिन)
इंदौर में 24 मार्च की रात से कोरोना का कहर शुरू हुआ था। इसी दिन 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा भी की गई थी। जो 21 दिन का था और 14 अप्रैल तक चला। इन 21 दिनों में इंदौर में कोरोना के 427 मरीज मिले थे। यानी प्रतिदिन औसतन 20 मरीज से ज्यादा।
दूसरा चरण (19 दिन)
15 अप्रैल से दूसरा लॉकडाउन शुरू हुआ। यह 3 मई तक चला। इन 19 दिनों में इंदौर में कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ और यह 1611 पर पहुंच गई। यानी इन 19 दिनों में 1184 कोरोना पॉजिटिव मिले। यानी रोजाना 62 से ज्यादा।
तीसरा चरण (14 दिन)
4 मई से शुरू हुए तीसरे लॉकडाउन में भी संक्रमण की यह बढ़त जारी रही। 14 दिन चले इस लॉकडाउन में 954 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। यानी रोजाना मिलने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की औसत संख्या बढ़कर 68 से ज्यादा हो गई।
चौथा चरण (अब तक)
इसके बाद 18 मई से शुरू हुए चौथे लॉकडाउन में भी कोरोना संक्रमण की बढ़त जारी रही। 28 मई तक इस लॉकडाउन में 779 कोरोना संक्रमित मिले। यानी रोजाना 71 नए संक्रमित मरीज सामने आए। पहले लॉकडाउन के दौरान मरीज मिलने का औसत 20 रोजाना था जो चौथे लॉकडाउन के खत्म होने से पहले ही 70 को पार कर चुका है।
लॉकडाउन आगे बढ़ने के साथ-साथ रोजाना मिलने वाले कोरोना मरीजों का औसत ही नहीं बढ़ रहा बल्कि कोरोना से होने वाली मौतों का औसत भी बढ़ रहा है। पहले लॉकडाउन में यह 1.66 था जो चौथे लॉकडाउन में बढ़कर 2.27 पर पहुंच गया। चौथे लॉकडाउन में फिलहाल हर 4 दिन में 9 मौत हो रही है।
लॉकडाउन खोलने की रणनीति
प्रशासन अब लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति बनाने में जुट गया है। डॉक्टरों, प्रोफेसरों सहित शहर के 11 प्रबुद्धजन की टीम इस बात पर मंथन करेगी कि लॉकडाउन खोलने के लिए क्या रणनीति बनाई जाए जिससे छूट के बावजूद संक्रमण का प्रसार कम हो और कोरोना मरीजों की संख्या भी नियंत्रित रहे। रणनीति का खाका लगभग तैयार कर लिया गया है। जल्दी ही विस्तृत कार्ययोजना की घोषणा भी कर दी जाएगी। लगातार चार लॉकडाउन की वजह से आम इंदौरी की जिंदगी लगभग थम सी गई है।विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि लॉकडाउन में अब रियायत देना जरूरी है जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी चाल मिल सके। प्रशासन ने इसकी शुरुआत शहर को तीन जोन में बांटकर कर भी दी है। अब जिला प्रशासन स्वास्थ्य मापदंडों के हिसाब से शहर को लॉकडाउन में राहत देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए 11 लोगों की टीम बनाई गई है। यह टीम इस बात पर मंथन करेगी कि किस इलाके में कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति है? किस इलाके को लॉकडाउन में क्या राहत दी जा सकती है? किस इलाके को कब खोला जा सकता है और कब किस इलाके को बंद रखना जरूरी है? टीम में शामिल सदस्यों के अनुसार छूट देने की अनुशंसा से पहले क्षेत्रवार पिछले एक सप्ताह में संक्रमण फैलने की दर को भी देखा जाएगा। शुरुआत में कुछ क्षेत्रों में छूट देकर देखा जाएगा कि वहां छूट के दौरान कोरोना संक्रमण की क्या स्थिति रही? संतोषजनक परिणाम आने पर ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
 
 
 
