जिला प्रशासन को खुली चुनौती,मामला जयन्त परियोजना का
अनोखी आवाज़ सिंगरौली। जिले में स्थापित महारत्न कंपनी नॉर्दन कोलफील्ड्स लिमिटेड सूबे के मुखिया शिवराज सिंह द्वारा जारी गाइड लाइन का खुलेआम धंज्जिया उड़ा रहा है। एक तरफ एनसीएल कोरोना हारेगा एनसीएल जीतेगा का नारा लगा रही है,वही दूसरी तरफ कोरोना से बचाव को अनदेखा कर जिला प्रशासन को खुली चुनौती दे रहा है। जानकारी के अनुसार जयन्त परियोजना में शिफ्ट के समय पूर्ण होने के बाद एक घण्टे के अंतराल में दूसरी शिफ्ट प्रारंभ होगी उस एक घन्टे के समय में पूरा कार्यालय सेनेटाइज होगा सफ़ाई के बाद शिफ्ट लगेगी। लेकिन यहां आलम ये है की किसी भी प्रकार से कोई देखरेख नही की जा रही हैं। जिससे साफ़ प्रतीत होता है कि एनसीएल प्रबंधन को न इस महामारी का भय है न जिला प्रशासन की कार्यवाही का..?
एनसीएल की लापरवाही उजागर,महामारी का भय नही
एक तरफ पुरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या प्रति घण्टे तेजी से बढ़ रही है। मद्देनजर सरकार ने आदेश जारी कर सभी को जिम्मेदारी निभाने का अपील की है। लेकिन सिंगरौली जिले में स्थित कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी में जयन्त परियोजना में कोरोना से सावधानी न बरत कर लापरवाही दिखा रही है। बीते दिन पूर्व परिहवन नियम का उल्लंघन करने पर अपर कलेक्टर ने दुधिचुआ प्रबंधन को नोटिस जारीकर कारण पूछा था। इसके बाद भी एनसीएल के कार्यालयों में किसी प्रकार से कोई ठोस सुविधा नही की गई है। जिससे साफ़ जाहिर होता है कि एनसीएल प्रबंधन के लिए कोरोना मजाक साबित हो रहा है।
जिम्मेदारों पर कब होगी कार्यवाही..?
कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है लेकिन एनसीएल प्रबंधन सहयोग न कर आदेशों की धज्जियाँ उड़ा रहा है। एनसीएल के विभागों में न तो थर्मल स्क्रीनिंग मशीन की सुबिधा की जा रही है,न शोशल डिस्टेंसिंग की। ऐसे में कैसे कोरोना से लड़ेंगे और जीतेंगे...?जब बड़ी कंपनी ही ऐसा कर रही है तो सवाल उठना तो लाजंमी है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस बात को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या कार्यवाही करता है।